Prayagraj,up: पतंजलि ऋषिकुल में कक्षा एक से आठवीं तक की कक्षाओं के लिए 15 से 25 मई तक ग्रीष्म शिविर का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने स्वरुचि अनुसार व्यक्तित्व विकास, कंटेंट डिजाइनिंग, लैनगेमिंग, कंप्यूटर नेटवर्किंग के साथ, नाट्य, संगीत, पाक व चित्रकला, आदि में भागलिया।
‘व्यक्तित्व विकास’ की कक्षाएं संचालित कर नेतृत्व कौशल, टीम वर्क, चिंता कम करने व डर का सामना करने के लिए कुछ टिप्स दिए गए। कंप्यूटर नेटवर्क के सुरक्षित, सुगठित व समुचित उपयोग के लिए ‘कंप्यूटर नेटवर्किंग’ की कक्षाएँ संचालित की गयीं जिसमें नेटवर्क, इंटरनेट, प्रोटोकॉल और मॉडल आदि का परिचय दिया गया।
‘नाट्यकला’ के माध्यम से छात्रों में रचनात्मक अभिव्यक्ति, आत्म विश्वास, अनुशासन की समझ विकसित करने व क्रोध, खुशी और उदासी जैसे भावनाओं पर विजय प्राप्त करने और उन्हें सही ढंग से व्यक्त करने के गुण सिखाए गए। संगीत की कक्षाओं के माध्यम से छात्रों ने ‘राग मियां मल्हार’ का परिचय व उससे संबंधित स्वरों का प्रयोग सिखा।
वहीं ‘पाक कला’ की कक्षाओं को संचालित कर बच्चों को बेकरी, केक, बिस्कुट आदि बनाने के गुर भी सिखाए गए। इतना ही नहीं स्कूल द्वारा बच्चों के लिए ‘कोडिंग’ कक्षाओं का भी आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों ने रुचिपूर्वक भाग लिया।
इस दौरान प्राइमरी के छात्रों के लिए कुछ मजेदार खेल जैसे गेंद को ड्रीबल करना, फ्लैट रेस आदि, कंप्यूटर गतिविधियों जैसे कलरिंग,क्ले मॉडलिंग और कला, ड्रैग एंड ड्रॉप आदि के साथ मजेदार ‘डांस सेशन’ और ‘टैलेंट शो’ का भी आयोजन किया गया। जिसमें हर छात्र को संगीत, डांस, कविता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया गया। जिसमें सभी ने प्रभावी ढंग से भाग लिया और अपने प्रयासों में ऊर्जा और श्रद्धा दिखाई।
छात्रों ने ‘मधुबनी कला’ का प्रदर्शन किया जो बिहार के मधुबनी जिले में उत्पन्न लोक कला का एक बहुत पुराना रूप है। उन्होंने मिट्टी से भगवान गणेश की भव्य मूर्तियाँ भी बनाईं।
खेल-खेल में विज्ञान एवं गणित को लोकप्रिय बनाने से जुड़ी गतिविधियों जैसे-‘युवा वैज्ञानिक’ व ‘गणित सत्र’ का आयोजन करके छात्रों में विज्ञान प्रयोग,वैज्ञानिक खोज और महत्वपूर्ण सोच कौशल विकसित करने व गणितीय सिद्धांतों के महत्व को प्रदर्शित करने के लक्ष्य के साथ संख्या में पैटर्न, फिंगर एबेकस गिनती और वैदिक गणित आदि को शामिल किया गया। छात्रों ने भी पूरी तरह से सभी गतिविधियों का आनंद लिया और एक बहुत ही आनंददायक और अद्भुत अनुभव प्राप्त किया।
अभिभावकों ने इस प्रयास के लिए विद्यालय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रीष्म शिविर में व्यक्तित्व विकास, मोटिवेशन, याददाश्त बढ़ाने की क्रियाएं, एकाग्रता, मूल्य आधारित खेल और कोडिंग सत्र चला कर बच्चों को बहुत कुछ सीखने का स्वर्णिम अवसर प्रदान किया।
विद्यालय की उपाध्यक्षा कृष्णा गुप्ता ने कहा कि समर कैंप जैसे आयोजन न सिर्फ बच्चों में रचनात्मकता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि इसके साथ ही साथ उनके अंदर छिपी विभिन्न प्रकार की अंतः कलाओं और प्रतिभाओं को सामने लाने एवं उन्हें निखारने का कार्य भी करते हैं।
विद्यालय की निदेशिका रेखा वैद एवंवसचिव यशोवर्धन ने कहा कि समर कैंप का उद्देश्य बच्चों के बुनियादी कौशल को बेहतर बनाना, आत्म विश्वास को बढ़ाना, सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देना, उनकी छुपी हुई प्रतिभा को निखारना और आगे की कक्षा के लिए उनका मार्ग प्रशस्त करना है।
विद्यालय के प्रधानाचार्य नित्यानंद सिंह ने बच्चों एवं अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रीष्म शिविर का आयोजन बच्चों को न केवल अपनी रचनात्मकता निखारने का मौका देता है बल्कि उनके नैतिक एवं आध्यात्मिक संवर्धन के साथ नेतृत्व कौशल के प्रारंभिक विकास का सुअवसर भी प्रदान करता है, जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके।