बदायूं,यूपी। अखिल भारतीय अखण्ड कवि सम्मेलन, काव्य उत्सव में दूर दूर से आए रचनाकारों ने किया काव्य पाठ। स्काउट गाइड भवन में दो दिवसीय चल रहे काव्य उत्सव में अध्यक्षता नगर विधायक महेश चंद्र गुप्ता, मुख्य अतिथि आंवला सांसद धर्मेन्द्र कश्यप, विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक राम सेवक सिंह पटेल रहे। सांय सत्र के मुख्य अतिथि जिला प्रभारी राकेश मिश्रा अनावा रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना से हुआ।
लखीमपुर से आए हरेंद्र वर्मा ने पढ़ा
गांव बेचकर शहर खरीदे कुआं बेचकर टोंटी
गाय बेंचकर दूध खरीदा भूख बेचकर रोटी।
पीलीभीत से आए अमित अल्प ने पढ़ा
कान्हा तेरी मुरली से जल प्रेम बरस जाए
तन हो शीतल मेरा मन मन प्रेम प्रबल पाए।
मुरादाबाद से आईं स्वाती राठौर ने पढ़ा
राणा प्रताप की वंशज मैं
आजाद भगत की अनुयायी हूं।
राजस्थान से आईं ललिता भोला ने पढ़ा
बंद पिंजरे में मैना बुनती
सपने देखे कई हजार
दाना चुगती पानी पीती
करती कदमी बारंबार।
औरैया से आए प्रमोद तिवारी
कोई जतन तो करो तुम वतन के लिए
अब तलक तो जिएं सिर्फतन के लिए।
लखीमपुर खीरी से आए धीरेंद्र धीर ने पढ़ा
सारे जहां का गुनहगार हो गया
जब से हमें तुमसे प्रेम हो गया।
जीवन कश्यप अलीगढ़ ने पढ़ा
हो पाक परिस्तो सावधान मत टकराओ इन शूरों से
वर्ना तुमको मिलवा देंगे जन्नत की बहत्तर हूरों से।
मध्यप्रदेश से आए प्रकाश चन्द्र पाराशर ने पढ़ा
देश पर तन निसार हो जाए जिंदगी में निखार हो जाए
लेखनी लिख आज इस तरह मातृ भूमि से प्यार हो जाए।
कार्यक्रम का संचालन लोकप्रिय कवि पवन शंखधार ने किया
वही इस अवसर पर सतीश मिश्रा, ओमकार सक्सेना, अतुल श्रोत्रिय, रमेश चंद्र शर्मा ,षट्वदन शंखधार, अचिन मासूम , हर्ष मिश्रा, प्रदीप दुवे, रोहिताश पटेल , बदायूं – अखिल भारतीय अखण्ड कवि सम्मेलन, काव्य उत्सव में दूर दूर से आए रचनाकारों ने किया काव्य पाठ। स्काउट गाइड भवन में दो दिवसीय चल रहे काव्य उत्सव में अध्यक्षता नगर विधायक महेश चंद्र गुप्ता, मुख्य अतिथि आंवला सांसद धर्मेन्द्र कश्यप , विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक राम सेवक सिंह पटेल रहे। सांय सत्र के मुख्य अतिथि जिला प्रभारी राकेश मिश्रा अनावा रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना से हुआ।
लखीमपुर से आए हरेंद्र वर्मा ने पढ़ा
गांव बेचकर शहर खरीदे कुआं बेचकर टोंटी
गाय बेंचकर दूध खरीदा भूख बेचकर रोटी।
पीलीभीत से आए अमित अल्प ने पढ़ा
कान्हा तेरी मुरली से जल प्रेम बरस जाए
तन हो शीतल मेरा मन मन प्रेम प्रबल पाए।
मुरादाबाद से आईं स्वाती राठौर ने पढ़ा
राणा प्रताप की वंशज मैं
आजाद भगत की अनुयायी हूं।
राजस्थान से आईं ललिता भोला ने पढ़ा
बंद पिंजरे में मैना बुनती
सपने देखे कई हजार
दाना चुगती पानी पीती
करती कदमी बारंबार।
औरैया से आए प्रमोद तिवारी
कोई जतन तो करो तुम वतन के लिए
अब तलक तो जिएं सिर्फतन के लिए।
लखीमपुर खीरी से आए धीरेंद्र धीर ने पढ़ा
सारे जहां का गुनहगार हो गया
जब से हमें तुमसे प्रेम हो गया।
जीवन कश्यप अलीगढ़ ने पढ़ा
हो पाक परिस्तो सावधान मत टकराओ इन शूरों से
वर्ना तुमको मिलवा देंगे जन्नत की बहत्तर हूरों से।
मध्यप्रदेश से आए प्रकाश चन्द्र पाराशर ने पढ़ा
देश पर तन निसार हो जाए जिंदगी में निखार हो जाए
लेखनी लिख आज इस तरह मातृ भूमि से प्यार हो जाए।
कार्यक्रम का संचालन लोकप्रिय कवि पवन शंखधार ने किया
इस अवसर पर सतीश मिश्रा, ओमकार सक्सेना , अतुल श्रोत्रिय, रमेश चंद्र शर्मा ,षट्वदन शंखधार, अचिन मासूम , हर्ष मिश्रा, प्रदीप दुवे, रोहिताश पटेल , आदि उपस्थित रहे।
आदि उपस्थित रहे।