केवीएस न्यू कैन्ट का मामला हेड आफिस कमिश्नर केन्द्रीय विद्यालय संगठन नई दिल्ली पहुंचा।

प्रयागराज,यूपी। भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन संचालित केन्द्रीय विद्यालय न्यू कैन्ट प्रयागराज में नवीन सत्र 2023-24  के कक्षा ग्यारहवीं में प्रवेश की सूची केन्द्रीय विद्यालय संगठन के नियमो के विपरित जारी होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। वही अभिभावकों ने केन्द्रीय विद्यालय संगठन वाराणसी रेन्ज के डिप्टी कमिश्नर डा. अनिल कुमार मिश्र को ईमेल द्वारा विगत दिनांक 26 मई को प्रत्यावेदन देकर प्रवेश सूची को निरस्त कर पीसीबी वर्ग में प्रवेश के इच्छुक दो दर्जन छात्र, छात्राओं के अनुरूप विद्यालय द्वारा जारी पहली सूची बहाल किए जाने का अनुरोधन किया था। किन्तु पूर्वांचल दलित अधिकार मंच (पदम) के संस्थापक उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आईपी रामबृज जब मंगलवार को प्रत्यक्ष रूप से उपायुक्त वाराणसी रेन्ज डा. अनिल कुमार मिश्र से मिले तो उनका जबाब था कि उन्हें न तो अतिरिक्त सेक्सन बढ़ाने की शक्ति दी गयी है और न ही पूर्व में बने किसी भी सेक्सन में संख्या बढ़ाने की शक्ति दी गयी है यह दोनों कार्य हेड आफिस यानि कमिश्नर के द्वारा ही संभव है।

पदम संस्थापक आईपी रामबृज का आरोप है कि केवीएस न्यू कैन्ट की प्रधानाचार्या से विगत एक सप्ताह पहले जब टेलीफोनिक बात हुई थी तो उनका जबाब था कि प्रवेश को लेकर उनकी शिकायत उपायुक्त वाराणसी रेन्ज से की गई है ऊपर से जो निर्देश मिलेगा तभी कार्यवाही की जाएगी। आईपी रामबृज का कहना है कि एक महीने बाद जब 27 जून को वाराणसी रेन्ज के उपायुक्त डा. अनिल कुमार मिश्र से मिला गया तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुये यह कार्य हेड आफिस दिल्ली में स्थित केन्द्रीय विद्यालय संगठन के कमिश्नर निधि पाण्डेय से ही सम्भव है। उच्च पदों पर बैठे केन्द्रीय विद्यालय के उच्च अधिकारियों से मेरा यह सवाल है कि जब दिल्ली स्थित हेड आफिस कमिश्नर से ही सम्भव है तो विना प्रत्यक्ष मिले यह सूचना या जानकारी प्रत्यावेदन देने के एक सप्ताह बाद भी प्रार्थी को देना सम्भव था किन्तु एक महीना बीत जाने के बाद वो भी प्रत्यक्ष मिलने पर जानकारी दी गयी।

दरअसल आईपी रामबृज का आरोप है कि केन्द्रीय विद्यालय संगठन की जब एक ही गाइड लाइन है तो एक जिले में जितने भी केवीएस स्थित है तो कहीं पर छात्र पचास प्रतिशत अंक पर पीसीबी प्राप्त कर ले रहा है और दूसरे केवीएस में साठ प्रतिशत अंक प्राप्त करने के वावजूद वहां का छात्र पीसीबी नहीं प्राप्त कर पा रहा है इसमें एकरूपता कैसे लायी जाय यह भी एक सवाल है। इधर बीच केवीएस न्यू कैन्ट में कला विषय की सूची के कुछ बच्चों और कामर्स की सूची के कुछ बच्चों को पीसीबी में लाया गया है जिससे पीसीबी सेक्सन की संख्या पचपन के स्थान पर साठ हो गयी है यह कैसे संभव हो पाया एक प्रश्नचिह्न खड़ा होता है। आईपी रामबृज प्रधानाचार्य और प्रवेश कमेटी के विरुद्ध उपायुक्त वाराणसी रेंज तक पत्र व्यवहार किये है इसलिये ऊपर के निर्देश से ही आईपी रामबृज की बच्ची का कल्याण सम्भव है अन्यथा की स्थिति में रामबृज को अपनी बेटी का नाम कटवाकर किसी अन्य विद्यालय में लिखवाने को कहा जा रहा है।

आईपी रामबृज ने कमिश्नर केन्द्रीय विद्यालय संगठन को मेल और रजिस्टर्ड डाक द्वारा प्रत्यावेदन भेजकर मांग किया है कि जब केवीएस न्यू कैन्ट में पीसीएम के दो और वाणिज्य के दो सेक्सन बनाये जा सकते है तो बायो वर्ग की चाहत के अनुरूप पीसीबी के दो सेक्सन क्यो नहीं बनाया जा सकता? वाणिज्य विषय के दो सेक्सन में अपनी पसन्द से क्रमशः पन्द्रह और अट्ठारह बच्चे ही पढ़ना चाहते है तो उन्हे वाणिज्य का एक सेक्सन बनाकर पढ़ाया जा सकता है और वाणिज्य के एक अतिरिक्त सेक्सन को क्या पीसीबी में समायोजित नहीं किया जा सकता है ? अभिभावको का यह कहना है कि इस वर्ष केन्द्रीय विद्यालय न्यू कैन्ट के कक्षा ग्यारह में एक चौथाई बच्चे फेल हो गए है जिनकी वजह से नये बच्चो को उनका पसंदीदा विषय नहीं मिल पा रहा है। बच्चो का कहना है कि ग्यारह में फेल बच्चो के कारण उन्हें इसका शिकार क्यो बनाया जा रहा है। यदि कक्षा ग्यारह में सौ बच्चे है और सबके सब फेल हो जाय तो क्या कक्षा दस उत्तीर्ण किये हुये बच्चो को प्रवेश नही दिया जाएगा ? या कोई विकल्प बनाया जाएगा ? इसका उत्तर तो यही है कि विकल्प बनाया जाएगा।

कमिश्नर केन्द्रीय विद्यालय संगठन हेड आफिस नई दिल्ली से मांग किया गया है कि कक्षा ग्यारह में पीसीबी वर्ग के बच्चों की संख्या बढ़ रही है तो बढ़ती संख्या के अनुक्रम में पीसीएम और वाणिज्य विषय की भांति पीसीबी विषय मे भी दो सेक्सन बनाया जाय ताकि केवीएस के बच्चों को भविष्य का डाक्टर बनने की उम्मीद पर पानी फिरने से बचाया जा सके।