लू लगना घातक हो सकता है गंभीर हीट स्ट्रोक के खतरे से सुरक्षित रहें भोपाल में सिवियर हीट स्ट्रोक से दो लोगो की मौत

भोपाल रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन
दिन पर दिन बढ़ती गर्मी परेशानी बन रही है। भीषण गर्मी का असर लोगों की सेहत पर भी देखा जा रहा है।भीषण गर्मी के चलते भोपाल में ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़े हैं।सिवियर हीट स्ट्रोक से दो लोगो की मौत हो गई। बीते दो दिन में शहर के अलग-अलग अस्पतालों में 18 से 20 मरीजों में ब्रेन स्ट्रोक के मरीज आए हैं।लेकिन कितनी भी धूप हो या तापमान कितना भी क्यों न बढ़ गया हो ऑफिस जाने वालों को घर से निकलना ही पड़ता है।लेकिन बिना सावधानी के तेज धूप में बाहर जाना ब्रेन स्ट्रोक या मृत्यु का कारण भी बन सकता है। दरअसल हमारे शरीर का तापमान हमेशा 37° डिग्री सेल्सियस होता है, इस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम कर पाते है। पसीने के रूप में पानी बाहर निकालकर शरीर 37° सेल्सियस टेम्प्रेचर मेंटेन रखता है, लगातार पसीना निकलते वक्त भी पानी पीते रहना अत्यंत आवश्यक है।पानी की कमी होने पर शरीर पसीने के रूप में पानी बाहर निकालना बंद कर देता है। जब बाहर का टेम्प्रेचर 45° डिग्री के पार हो जाता है और शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप्प हो जाती है, तब शरीर का तापमान 37° डिग्री से ऊपर पहुँचने लगता है। शरीर का तापमान जब 42° सेल्सियस तक पहुँच जाता है तब रक्त गरम होने लगता है और रक्त मे उपस्थित प्रोटीन पकने लगता है । स्नायु कड़क होने लगते है इस दौरान सांस लेने के लिए जरुरी स्नायु भी काम करना बंद कर देते हैं। शरीर का पानी कम हो जाने से रक्त गाढ़ा होने लगता है, ब्लडप्रेशर लौ हो जाता है। महत्वपूर्ण अंग विशेषतः ब्रेन तक ब्लड सप्लाई रुक जाती है। व्यक्ति कोमा में जा सकता है। और उसके शरीर के एक- एक अंग कुछ ही क्षणों में काम करना बंद कर देते हैं, और उसकी मृत्यु तक हो सकती है। गर्मी के दिनों में ऐसी गंभीर स्थिति से बचने के लिए लगातार थोडा थोडा पानी पीते रहना चाहिए। और हमारे शरीर का तापमान 37° मेन्टेन किस तरह रह पायेगा इस ओर ध्यान देना चाहिए।कोशिश करें 12 से 3 बजे के बीच ज्यादा से ज्यादा घर या ऑफिस के अंदर रहने का प्रयास करें। किसी भी अवस्था मे कम से कम 3 ली. पानी जरूर पियें।किडनी की बीमारी वाले प्रति दिन कम से कम 6 से 8 ली. पानी जरूर लें। ठंडे पानी से नहाएं। फल और सब्जियों को भोजन मे ज्यादा स्थान दें।