संगम नगरी प्रयागराज में चैत्र नवरात्र और नव संवत्सर का भव्य और अद्भुत तरीके से स्वागत किया गया।

Prayagraj,up: संगम नगरी प्रयागराज में चैत्र नवरात्र और नव संवत्सर का भव्य और अद्भुत तरीके से स्वागत किया गया है। इस मौके पर सिविल लाइन स्थित हनुमत निकेतन मंदिर में उद्घोष विक्रम संवत 2081 का आयोजन किया गया।

मान्यता है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को शुरू होने वाले नव संवत्सर यानि हिंदू नव वर्ष के दिन ही भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की शुरुआत की थी। इसके साथ ही आज के दिन ही महाराज विक्रमादित्य सत्ता पर आसीन हुए थे और विक्रमी संवत्सर की शुरुआत भी हुई थी।

आज संगम नगरी में सूर्य की पहली किरण का के साथ ही हिंदू नव वर्ष का स्वागत अनोखे अंदाज में किया गया। सैकड़ों की संख्या में लोगबाग घंटे घड़ियाल, डमरू और शंखनाद से भगवान भास्कर का स्वागत किया। इस खास मौके पर बटुकों ने स्वास्तिक वाचन किया तो वहीं पूरा वातावरण घंटे घड़ियाल और शंख ध्वनि से गूंज उठा। नव वर्ष के इस खास अवसर पर जमकर पुष्प वर्षा भी की गई।

वही इस कायक्रम के आयोजक डॉ बी बी अग्रवाल ने बताया कि कार्यक्रम का एकमात्र उद्देश्य यही है कि हमारी सनातन संस्कृति का जन-जन तक प्रचार प्रसार हो सके, देशवासी अपने पुरातन सभ्यता और संस्कृति से जुड़े। प्रयागराज में हिंदू नव वर्ष के मौके पर आयोजित उद्घोष 2081 का शुभारंभ अखिल भारतीय संत समिति और गंगा महासभा के महासचिव दंडी स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने किया।

इस मौके पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस मंजू रानी चौहान, जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव और दंडी स्वामी जितेंद्र आनंद सरस्वती महासचिव अखिल भारतीय संघ समिति गंगा महासभा, लोक सेवा आयोग की पूर्व सदस्य डॉ सविता अगवाल भी मौजूद रहीं तो वहीं सैकड़ों की संख्या में स्थानीय जनता और शहर के प्रबुद्ध जनों का भी सहभागिता रही।