” मस्त फकीरा कवि “

उत्तम कुमार तिवारी ” उत्तम “

मै मस्त फकीरा एक कवि
गाता हूँ अपने गीत सभी
मै अपनी मस्ती मे रहता हूँ
लिखता हूँ अपने गीत तभी

शब्दों का संसार है बड़ा
शब्दो से है मुझको प्यार बड़ा
शब्दो की माला को लेकर
मै मंचों पर खड़ा हुआ ।।

कुछ गीतों पर श्रृंगार करु
कुछ गीतों पर रुदन करु
कुछ गीतो पर हास करु
कुछ गीतों का त्याग करु ।।

कुछ प्रकृति का श्रृंगार करु
कुछ नभ थल की बात करु
कुछ विनोद करु कभी
सुन्दर मौका मिले तभी

कुछ यौवन की मादकता पर
कुछ यौवन के अस्तांचल की बात करु ।।
मेरे सुन्दर गीतों से मुझको
मिलते मुझको सम्मान सभी

वर्णो से सुन्दर शब्द रचे
अलंकारों से सारे युक्त रहे
सारी उपमाओ से बात कही
मै मस्त फकीरा एक कवि ।।