शुआट्स के शिक्षक कर्मचारियों के बकाये वेतन का तत्काल भुगतान करते हुए शुआट्स में व्याप्त वित्त अनिमितताओं का उच्चस्तरीय जाँच हो – डॉ कमल उसरी।

त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट

Prayagraj,up: ‘सैम हिगिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय’ भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज नगर में एक प्रमुख विश्वविद्यालय है। दक्षिण एशिया के सबसे पुराने संस्थानों में से एक जिसकी स्थापना १९१० में डॉ॰ सैम हिगिनबौटम द्वारा नैनी, प्रयागराज में इलाहाबाद कृषि संस्थान के रूप में की गई थी, जो वर्तमान समय मे ‘सैम हिगिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय’ यानि शुआट्स के नाम से देश, प्रदेश में एक प्रमुख विश्वविद्यालय के रूप में प्रसिद्ध है, आजकल यह विश्वविद्यालय कुछ विवादित धार्मिक क्रियाकलापों, नीजि भ्रष्टाचार युक्त वित्तिय अनिमितताओं, वाइस चांसलर सहित कई जिम्मेदार अधिकारियों के जेल जाने व शिक्षक कर्मचारियों द्वारा लगातार जारी धरने प्रदर्शन की वजहों से ख़ूब चर्चा में है।


विदित हो की 11 महीनों से बकाए वेतन के लिए शिक्षक, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले अक्टूबर से आंदोलनरत हैं, जिलाधिकारी स्तर पर कुछ जांच कमेटिया बनाई गई है लेकिन उनकी रिपोर्ट सामने अभी तक नही आ पाई है, जिससे शिक्षकों कर्मचारियों में बहुत ही आक्रोश है, शिक्षक कर्मचारी शुआट्स हित मे पूरी तरह से कार्य बहिष्कार करने के बजाय कार्य करते हुए शुआट्स वित्त अधिकारी कार्यालय के सामने नित्य प्रतिदिन 2 से 5 बजे शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

विरोध प्रदर्शन स्थल पर पहुंच कर समर्थन करते हुए ऑल इंडिया सेंट्रल कॉउंसिल ऑफ़ ट्रेंड यूनियंस “ऐक्टू” राष्ट्रीय सचिव डॉ कमल उसरी ने कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान को ऊँचाई पर ले जाने में वहां कार्यरत शिक्षक कर्मचारियों की बड़ी भूमिका होती है, आज शुआट्स का देश दुनिया मे जो सम्मान बढ़ा है, उसमें इन शिक्षकों कर्मचारियों का खून पसीना शामिल हैं, इसलिए हम शासन प्रशासन/ प्रबंधन से अपील करते कि महीनों से वेतन भुगतान न होने से भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके शिक्षक कर्मचारियों के बकाए वेतन का तत्काल भुगतान किया जाय, एवं शुआट्स में व्याप्त अनिमितताओं का उच्चस्तरीय जांच करवाई जाय, स्थाई वाइस चांसलर नियुक्ति हो, ग़ायब वित्त नियंत्रक और रजिस्टार हाजिर हो, शुआट्स में अवैध नियुक्ति रद्द हो, शुआट्स भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के मुकदमों की पैरवी विश्विद्यालय के पैसों न की जाय। सभी शिक्षक, कर्मचारियों का ईपीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन की जाँच हो, शेस सोसाइटी के सदस्य जिनके ऊपर अपराधिक मुकदमे दर्ज है, या जो जेलों बंद या सेवा निवृत्त हो चूके है उन लोगों को शेस कि सोसाइटी से हटाया जाय।

डॉ कमल उसरी ने कहा कि 16 फ़रवरी 2024 को संयुक्त किसान मोर्चा एवं संयुक्त ट्रेड यूनियन के आह्वान पर होने वाली औद्योगिक हड़ताल एवं ग्रामीण भारत बंद के स्वयं को जोड़ते हुए हजारों शिक्षक कर्मचारी, प्रयागराज, सिविल लाइंस, पत्थर गिरजाघर, धरना स्थल पर जाएंगे।

विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप से प्रो वाई के बिंद, प्रो अजय सिंह, प्रो मीना नैथान, प्रो आर एन शुक्ला, अनमोल, प्रदीप मशीह, नवेंदु, एन के गुप्ता, संमुएल एम लाल, रीना मेहता, शिवानी, अंकित गौतम, ऋचा इत्यादि उपस्थित रहे।