मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से आर्गन ट्रांसपोर्टेशन के लिये बनाये गये ग्रीन कॉरिडोर

AT रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्यप्रदेश
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से लगभग डेढ़ माह के भीतर दूसरी बार ऑर्गन ट्रांसपोर्टेशन के लिये दो ग्रीन कॉरिडोर बनाये गये। चिकित्सकों द्वारा ब्रेन डेड घोषित कर दिये गये पूरनलाल जाते-जाते दो लोगों को नया जीवन दे गये। भवन निर्माण के कार्य  के दौरान निर्माणाधीन बाउंड्रीवाल से गिर जाने से मस्तिष्क में पहुँची गंभीर चोट के कारण ब्रेन डेड हुये शिल्पी नगर भेडाघाट निवासी पूरनलाल चौधरी की दोनों किडनियों के प्रत्यारोपण के लिये कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देधानुसार आज सुबह प्रशासन एवं पुलिस के सहयोग से मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से दो ग्रीन कॉरिडोर बनाये गये बनाये गये। पहला ग्रीन कॉरिडोर एक किडनी एयर एंबुलेंस से इंदौर ले जाने के लिये सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से डुमना एयरपोर्ट तक तथा दूसरा ग्रीन कॉरिडोर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से जबलपुर में ही दमोह नाका स्थित मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल तक बनाया गया। पेशे से राजमिस्त्री 54 वर्षीय पूरन चौधरी को गिरने की वजह से सिर में आई घातक चोट की वजह से 5 मार्च को उपचार के लिये मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहाँ चिकित्सकों के अथक प्रयासों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका और ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। चिकित्सकों ने मरीज के परिजनों को अंगदान के लिये प्रेरित किया और उनकी सहमति से दोनों किडनी प्रत्यारोपित करने का निर्णय लिया। इसके बाद स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन इंदौर को सूचित किया गया तथा कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देशानुसार शुक्रवार ग्रीन कॉरिडोर बनाये गये। पूरन चौधरी की एक किडनी बॉम्बे हॉस्पिटल, इंदौर और दूसरी किडनी मेट्रो हॉस्पिटल, जबलपुर में भर्ती मरीज को प्रत्यारोपित की जायेगी। दोनों किडनी के अलावा स्व. पूरनलाल के हाथ और पैरों से स्किन भी प्रत्यारोपण के लिये ली गई है। स्किन को मेडिकल कॉलेज के स्किन बैंक में सुरक्षित रखा गया है। अंगदान की इस समूची प्रक्रिया में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ नवनीत सक्सेना, मेडीकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ अरविन्द शर्मा, सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ अवधेश कुशवाहा, डॉ जतिन बजाज, डॉ फणीन्द्र सोलंकी एवं डॉ तुषार धकाते, बॉम्बे हॉस्पिटल इंदौर से आई चिकित्सकों की टीम तथा मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल जबलपुर के चिकित्सक डॉ राजेश पटेल, डॉ विशाल बढेरा एवं समन्वयक डॉ अभिषेक दुबे का विशेष सहयोग रहा। वहीं दोनों किडनी को सुरक्षित और तेजी से गंतव्य तक पहुंचाने के लिये ग्रीन कॉरिडोर बनाने में एसडीएम गोरखपुर अनुराग सिंह तथा प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों ने सक्रिय भूमिका का निर्वाह किया।