पार्किंग की जमीन को आवंटित करने के मामले में हाई कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण।

त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट

पीडीए द्वारा पार्किंग की जमीन को आवंटित करने का आरोप


प्रयागराज,यूपी। प्रयागराज विकास प्राधिकरण पर देवघाट झलवा स्थिति बुद्ध विहार कॉलोनी के पार्किंग स्थल को आवंटित करने का आरोप लगा है। मिली जानकारी के अनुसार बुद्ध विहार कॉलोनी स्थित भूखंड संख्या सी – 36 – सी पीडीए के नक्से में पार्किंग स्थल है लेकिन उस पर निर्माण कार्य शुरू हो गया। इस पर स्थानीय निवासीयो के साथ कालोनी के अध्यक्ष मोहन सिंह ने विरोध किया और पीडीए से पांच बिंदुओं पर सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगी। जिसमें देवघाट झलवा आवास योजना का लोकार्पण कब हुआ, सी-36 – सी भूखंड के आवंटन हेतु विज्ञापन कब जारी किया गया, पंजीकरण कब शुरू हुआ, लॉटरी के जरिये कब आवंटन किया गया और लाभार्थी कमला यादव द्वारा आवेदन कब किया गया उसकी छाया प्रति मांगी गयी।


बुद्ध विहार विकाश समिति के अध्यक्ष मोहन सिंह के सूचना के अधिकार द्वारा मांगी गयी सूचना के उत्तर में पीडीए ने यह तो बताया कि राष्ट्रीय सहारा और डीएनए में विज्ञप्ति निकाली गयी लेकिन विज्ञप्ति की छाया प्रति नहीं उपलब्ध होने की बात कही। साथ में पीडीए लाभार्थी कमला यादव के आवेदन करने के कागजात को निजी कहकर नहीं दिया गया।
दो सवालों के संतोषजनक जवाब न मिलने पर शिकायतकर्ता मोहन सिंह ने दुबारा सवाल किया कि वे सार्वजनिक हित के लिए जवाब मांग रहे हैं उनका कोई व्यक्तिगत हित नहीं है। ऐसे में पीडीए को सूचना देनी चाहिए। अभी तक पीडीए की तरफ से जवाब नहीं आया था।


शिकायतकर्ता के अनुसार पीडीए ऊपर के और तत्कालीन मंत्री के दखल से पार्किंग की जमीन को कमला यादव को आवंटित किया है, जिसकी शिकायत मोहन सिंह ने जनसुनवाई पोर्टल पर भी किया है जिसकी जाँच चल रही है।
हो रहे इस अतिक्रमण के सम्बंध में दाखिल जनहित याचिका संख्या डब्ल्यूपआईएल 612 / 20 14 दिनांक 8.4.2024 बुद्ध विहार विकास समिति की ओर से उच्च न्यायालय में दाखिल की गई थी। जिस पर मुख्य न्यायाधीश द्वारा संज्ञान लेते हुए प्रयागराज विकास अधिकरण को फटकार लगाते हुए विवादित स्थल की स्थिति के संबध में आवंटित व्यक्ति की रजिस्ट्री एवं प्लाट का लेआउट मैप एवं योजना जिसके अंतर्गत सार्वजनिक भूमि का आवंटन किया गया है के संबध में प्राधिकरण के अधिवक्ता को निर्देशित किया है कि प्रकरण से सम्बंधित समस्त मूल प्रप्रत्रो के साथ 23 अप्रैल 2024 को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत हो।