न्यायधीश इलाहाबाद हाई कोर्ट जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने इंडियन मीनोपॉज सोसाइटी की 29वीं राष्ट्रीय कांफ्रेंस (IMSCON-2024) का किया उद्घाटन।

देश के कई ख्यातिप्राप्त चिकित्सकों ने दूरबीन विधि से किये कई जटिल ऑपरेशन जिनका हुआ लाइव प्रसारण

प्रयागराज, यूपी।  न्यायधीश इलाहाबाद हाई कोर्ट जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने इंडियन मीनोपॉज सोसाइटी की 29वीं राष्ट्रीय कांफ्रेंस (IMSCON-2024) का इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन कन्वेंशन सेंटर में शुक्रवार 23 फरवरी को उद्घाटन किया। इस अवसर पर देश व विदेश के कई ख्यातिप्राप्त चिकित्सक उपस्थित थे। ऑर्गनाइजिंग चेयरपर्सन व जीवन ज्योति हॉस्पिटल की निदेशक डॉ वंदना बंसल ने स्वागत भाषण दिया व कहा की यह बहुत हर्ष का विषय है की प्रयागराज में बढ़ती उम्र में महिलाओं के स्वास्थ पर केंद्रित कांफ्रेंस करवा रहें हैं। स्वागत सत्र में डॉ ऋषिकेश पाई , डॉ वंदना वानेकर , इंडियन मीनोपॉज सोसाइटी की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ पुष्पा सेठी , डॉ अंजू सोनी इंडियन मीनोपॉज सोसाइटी की प्रेजिडेंट इलेक्ट भी उपस्थित थे।

तीन दिवसीय कांफ्रेंस के पहले दिन देश के नामी चिकित्सकों ने जीवन ज्योति हॉस्पिटल में लाइव लेप्रोस्कोपी व हिस्टेरोस्कोपी सर्जरी वर्कशॉप की जिसका लाइव प्रसारण इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन कन्वेंशन सेंटर में हुआ। शल्य चिकित्सकों की टीम जिनमे थे डॉ शैलेश पुणताम्बेकर (पुणे ) जो की भारत के साथ साथ विदेशों में भी बेहतरीन लप्रोस्कोपिक सर्जन में से एक माने जाते हैं, डॉ वंदना बंसल, एडवांस्ड लेप्रोस्कोपी व कैंसर सर्जन डॉ अर्पित बंसल , डॉ अमृता चौरसिआ (साइंटिफिक चेयरपर्सन ), डॉ हाफ़िज़ रेहमान (कोच्चि) , डॉ हारा प्रसाद पटनाइक (भुवनेश्वर), डॉ विक्रांत ने पांच जटिल दूरबीन विधि से ऑपरेशन्स किय। इसमें दूरबीन विधि से एक महिला, जो की जन्मजात विकृति से ग्रस्त थी , का योनिमार्ग का सफलतापूर्वक निर्माण किया गया।

इस अवसर पर डॉ शैलेश पुणताम्बेकर ने बताया की ख़ास बात इस दूरबीन विधि से ऑपरेशन की यह है की महिला को कल हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। इसके बाद वह एक साधारण वैवाहिक जीवन जी सकती है। डॉ शैलेश पुणताम्बेकर जिनके नाम भारत के पहला गर्भाशय ट्रांसप्लांट का रिकॉर्ड है नै जानकारी दी की हर 5000 में से एक महिला योनिमार्ग न होना या किसी जन्मजात विकृति की समस्या के साथ जन्म लेती है। सही जानकारी व इलाज के अभाव में उनका वैवाहिक जीवन संकट में रहता है। जबकि इसका इलाज अब दूरबीन विधि से आसानी से हो सकता है। उन्होने बताया की जरुरत पड़ी तो उत्तर प्रदेश में भी पहला गर्भाशय ट्रांसप्लांट ट्रांसप्लांट ऑपरेशन के लिए तैयार हैं।
डॉ अर्पित बंसल ने बताया की महिलाओं के पांच बड़े ऑपरेशन्स हुए जिनमे तीन वैजिनल , एक कैंसर व एक वैजिनल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी हुई। इसके अलावा डॉ रागिनी अग्रवाल द्वारा एस्थेटिक गायनोकॉलोजी, डॉ फरेन्द्र भरद्वाज द्वारा ऑपरेटिव हिस्टेरोस्कोपी व डॉ नरेंद्र मल्होत्रा द्वारा अल्ट्रासाउंड पर कार्यशाला की जिसमे कई चिकित्सक उपस्थित थे।

इससे पहले इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन कन्वेंशन सेंटर में डॉ वंदना बंसल ने पीआरपी (प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा) ट्रीटमेंट पर व्याख्यान दिया। इस कांफ्रेंस में भारत के विभिन्न प्रान्त से 200 से ऊपर विशेषज्ञ/चिकित्सक , नेशनल फैकल्टी भाग लें रहें है। ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ अंजुला सहाय ने धन्यवाद ज्ञापन दिया व ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ चित्रा पांडेय व कॉनफेरेन्स कोऑर्डिनेटर डॉ रंजना खन्ना ने कार्यक्रम को कंडक्ट किया। साइंटिफिक एडवाइजर डॉ मंजू वर्मा ,व डॉ शांति चौधरी आदि भी उपस्थित थे।