प्रथम मालगाड़ी का न्यू दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन स्टेशन से हुआ संचालन।

प्रयागराज,यूपी। ईडीएफसी के महत्वपूर्ण चुनार-डीडीयू खंड में आज पहली रेलगाड़ी चलाई जा रही है। यह न्यू दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन स्टेशन से दादरी स्टेशन के लिए प्रथम मालगाड़ी (MTSS) जिसमे कोयला (5302 टन) लाजकुरा माइन्स / बिलासपुर मण्डल से लदान होकर दादरी स्टेशन होते हुए (तलवंडी साबो पावर प्रोजेक्ट जो पंजाब के मनसा जिले में स्थित एक कोयला आधारित सुपर-क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट है) में दिया जाना है।

ओम प्रकाश, मुख्य महाप्रबंधक(प्रयागराज पूर्व), ए बी सरन , मुख्य महाप्रबंधक(संकेत और दूरसंचार प्रयागराज पूर्व), मनु प्रकाश दुबे अपर महाप्रबंधक परिचालन , राजेश प्रसाद उप महाप्रबंधक परिचालन, टीम लीडर कमल शर्मा, जीएमआर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राज सिंह टाक, एलएनटी के अनुद कौल के द्वारा आज इस प्रथम मालगाड़ी (MTSS) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
इससे पूर्व 31 मई 2023 को न्यू डीडीयू और न्यू अहरौरा के बीच इलेक्ट्रिक लाइट इंजन से ट्रायल और दो मालगाड़ियों का सफल परीक्षण किया गया था।
07.06.2023 को एनसीआर और ईसीआर के वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड अधिकारियों द्वारा इस खंड का माल यातायात की सार्वजनिक ढुलाई खोलने के लिए निरीक्षण किया गया। पंकज सक्सेना (निदेशक परियोजना व योजना, डी एफ सी), द्वारा सेक्शन का निरीक्षण 13.06.2023 और 14.06.2023 को किया गया और मुख्य महाप्रबंधक(प्रयागराज पूर्व) के आदेशानुसार 15.06.2023 को प्रथम मालगाड़ी को चलाने हेतु तयारी की गई ।
इंडियन रेल्वे के ट्रैक पर ऐसी मालगाड़ी कम से कम 30 घंटों का सफर तय कर के पावर हाउस को सुपुर्द किया जाता है । उत्तरी भारत के बिजली संयंत्रों को कोयले के परिवहन का समय अब घटकर आधा हो जाएगा।


दरअसल न्यू डगमगपुर – न्यू दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (दोहरी लाइन) के जुड़ जाने के उपरांत अब पूर्व मध्य रेलवे से आने वाली मालगाड़ी अब ईडीएफसी पर पूर्ण गति से अपने गंतव्य स्थान तक कम समय में पहुँच पायेंगी। यह देश के लिए आर्थिक विकास में परिवर्तनकारी बनने जा रहा है।
पूर्वी फ्रेट कॉरिडोर पर ट्रेनों के चलने से भारत के कम औधयोगिक रूप से विकसित पूर्वी क्षेत्र को नई ऊर्जा मिलेगी। इस सेक्शन के खुलने से ट्रेनों की कनेक्टिविटी बिहार (सोननगर) से गुजरात के सानंद तक हो जायेगी। अब ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे डेहरी-ऑन-सोन, और बागाबिशुनपुर से ली गयी मालगाड़ियाँ ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के रुट पर चलते हुए वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर में स्थित अनेको बंदरगाहों तक पहुंच पाएँगी। एवम वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से कंटेनर लोड ईस्टर्न डेडिकेटेड कर्डिङोर पर तेज़ी से भेजे जा सकेंगे । दैनिक आधार पर पावर हाउसेस में कोयले की कमी की मांग समय से कोयला बिजली घरों में पहुंचना इस कनेक्टिविटी के साथ पूरा किया जाएगा। इससे बिजली घरों में कोयला समय पर पहुंच जाएगा और कोयला खदानों से आगे की लोडिंग के लिए खाली वैगन को वापस कर दिया जाएगा। कोयला , स्टील प्लेटस , कंटैनर्स का आयात निर्यात में इस कनेक्शन के बाद सीधा जुड़ाव हो जाएगा। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट जिस के अनुसार डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का गठन किया गया था वो सुचारु रूप में सफल होता हुआ दिख रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय रेल योजना-2030 का उद्देश्य जिसमे माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाकर 45 प्रतिशत करने के लिए परिचालन क्षमताओं और वाणिज्यिक नीतिगत पहलों के आधार पर रणनीति तैयार करना शामिल है इनमे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर एक अहम भूमिका निभाएंगे।


रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को बेंचमार्क सेट करने के लिए और भविष्य में माल ढुलाई की मांग को देखते हुए भारतीय रेलवे का रत्न कहा गया।
ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में रोल ऑन रोल ऑफ के लिए रुचि-प्रकटन (expression of interest) की प्रक्रिया चालू होने वाली है। रोल ऑन रोल ऑफ को एक गेम चैन्जर के रूप में देखा जा रहा है।
इस सेक्शन के चालू होते ही ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 80 % (1070 की मी ) सेक्शन चालू हो गया है।
खतौली – सहारनपुर – पिलखनी-सानेहवाल सेक्शन (267 की मी )को जल्द ही खोलने का प्रयास जारी है और जल्द ही खोला जाएगा।
सम्भू से न्यू चवापाइल (82 की मी ) तक लोको ट्रायल और माल गाड़ी का ट्राइल पूरा हो गया है और सेक्शन को जल्द ही खोला जाएगा।