अटल जी की काव्य चेतना पर मुक्त विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन।

त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट

आईएएस डॉ अखिलेश मिश्र की राम कथा से गूंजा परिसर

Prayagraj,up: अटल बिहारी बाजपेई सुशासन पीठ, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय एवं हिंदुस्तानी एकेडमी, प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को मुक्त विश्वविद्यालय के सरस्वती परिसर स्थित लोकमान्य तिलक शास्त्रार्थ सभागार में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न पंडित अटल बिहारी बाजपेई के 99वें जन्मोत्सव के अंतर्गत अटल जी की काव्य चेतना एवं राष्ट्रीयता विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।


राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि अंबरीश, केंद्रीय मंत्री, विश्व हिंदू परिषद, नई दिल्ली ने कहा कि संवेदनशील व्यक्ति ही अच्छा शासक हो सकता है और अटल जी के कवि रूप ने उन्हें अच्छा प्रशासक बनाया। भाई वह है जो भारत माता की संतान है। भाई के लिए माई जरूरी है। उन्होंने कहा कि अटल जी के नेतृत्व में यह देश परमाणु शक्ति संपन्न बना। अटल जी का मानना था कि शक्ति संहार के लिए नहीं बल्कि संहार और अत्याचार को रोकने के लिए होती है। उन्होंने कहा कि अटल जी ने देश के लिए जो कुछ किया उसके पीछे मूल सिद्धांत राष्ट्रीय गौरव की पुनर्स्थापना थी। अटल जी इस देश को अपनी मातृभूमि मानते थे।


मुख्य वक्ता प्रोफेसर ऋषिकांत पांडेय, विभागाध्यक्ष, दर्शनशास्त्र विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने कहा कि सुशासन अटल जी के व्यक्तित्व का सबसे सबल पक्ष था। सुशासन का लक्ष्य ऐसे सपनों के भारत का निर्माण करना है जो भूख रहित, भय रहित, अभाव रहित और निरक्षर न हो।
राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि हमें अटल जी की अपेक्षाओं के अनुरूप बलवान, बुद्धिमान और विवेकशील देश बनाना है। उन्होंने अटल जी के जीवन से सीख लेते हुए जीवन में निराश न होने और संतुष्ट होकर आगे बढ़ने का सूत्र दिया।


राष्ट्रीय संगोष्ठी का संचालन डॉ आनंदानंद त्रिपाठी ने किया। विषय प्रवर्तन हिंदुस्तानी अकादमी के सचिव देवेंद्र प्रताप सिंह, अतिथियों का स्वागत अटल सुशासन पीठ के निदेशक प्रोफेसर पी के पांडेय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर छत्रसाल सिंह ने किया।


इसके उपरांत विश्वविद्यालय के यमुना परिसर स्थित त्रिवेणी सामुदायिक केंद्र में श्री राम कथा का भव्य आयोजन सुनिश्चित किया गया। मानसकिंकर डॉ अखिलेश कुमार मिश्र, आई ए एस द्वारा प्रस्तुत श्री राम कथा का श्रवणपान विश्वविद्यालय के शिक्षक, शैक्षिक परामर्शदाता, अधिकारी, कर्मचारी, शोधार्थी, शिक्षार्थी एवं अन्य प्रबुद्धजनों ने किया। कथा के पूर्व विश्वविद्यालय पहुंचने पर श्री राम कथा वाचक डॉ अखिलेश मिश्रा का स्वागत सत्कार विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह एवं यू के सिंह ने किया। हिंदुस्तानी अकादमी के सचिव देवेंद्र प्रताप सिंह ने मानसकिंकर डॉ मिश्र, कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह एवं यू के सिंह का स्मृतिचिह्न एवं अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मान किया।