बंद रहता आंगनबाड़ी केंद्र नहीं आती आंगन बाड़ी कार्यकत्री व सहायिका।
कुशीनगर,यूपी। सरकार बच्चों को कुपोषण मुक्त एवं शिक्षित करने लिए हर वर्ष लाखों रुपये खर्च कर रही हैं, लेकिन यह सिर्फ कागज़ी आंकड़ों में सिमट कर रह गई हैं।और यहां बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। तो वही विभाग के जिम्मेदार अधिकारी एअर कंडीशन आफिस में बैठें बैठें केवल कागजी आंकड़ों को उपर दिखा अपनी पीठ थपथपाने में व्यस्त हैं। वे कभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर जांच करने नहीं जातें की वहां क्या चल रहा केन्द्र खुला हैं की बंद ही रहता हैं, जिसके चलते जमीन धरातल पर सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं आम जनमानस तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ती नजर आ रही है।मामला हाटा विकास खण्ड के ग्राम पंचायत तुर्कवलिया दरियाव सिंह का हैं। जहा आंगनबाड़ी केन्द्र कभी कभार खुलता हैं जिसके चलते यहां आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चे नहीं पढ़ पाते जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते बच्चों को पुष्टाहार भी नहीं मिल पा रहा। इससे वह कुपोषण के शिकार भी हो रहे हैं। यह आंगनबाड़ी केंद्र सिर्फ कागजों में चलता हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि आए दिन आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहता हैं। वही प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों का कहना हैं कि हमारे विद्यालय परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र कभी कभार खुलता हैं और आंगनबाड़ी केंद्र नहीं खुलने से हम लोगों को काफी दिक्कत झेलना पड़ता, छोटे-छोटे बच्चों का दाखिला आंगन बाड़ी केन्द्र में हुआ हैं। और वे बच्चें केन्द्र पर आते उनको हम लोगों को देखना पड़ता अभिभावक उनको घर से विद्यालय में भेज देते, तुर्कवलिया दरियाव सिंह में संचालित यह केंद्र धरातल पर नहीं सिर्फ कागज़ी आंकड़ों में चलता है। इस मनमानी से गांव के लोग आजिज आ गए हैं।
वही ग्रामीणों का कहना है कि मेरे गांव का आंगनबाड़ी केंद्र कभी-कभी खुलता है। और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका कभी कभार आती हैं जब कोई अधिकारीके आने की सुचना उन लोगों को मिल जाता उस दिन केवल केन्द्र पर ये लोग दिखाई देते और केवल कोरम पूर्ती कर चले जाते और यहां पुष्टाहार भी नियमित नहीं बंटता हैं, अब देखना यह हैं की यह आंगनबाड़ी केंद्र कब तक इसी तरह मनमानी चलता रहता और नैनीहालो के भविष्य के साथ खिलवाड़ करता रहता।