रामपुर,यूपी। राजकीय रज़ा स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रामपुर, उत्तर प्रदेश के राजभाषा हिंदी परिषद , हिन्दी विभाग द्वारा हिन्दी सप्ताह समारोह का उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के अन्तर्गत ‘राजभाषा हिन्दी के अनुप्रयोग’ विषय पर एक संगोष्ठी तथा भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें कामरान अहमद, शुएब अली, प्रेम शंकर, शाकरीन, कहकशाँ, अनामिका, मनीषा, सानिया बी आदि छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका का निर्वाह डॉ अब्दुल लतीफ़ एवं डॉ प्रशान्त द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते कार्यक्रम की अध्यक्ष एवं महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉ कुसुम लता ने कहा कि हिन्दी केवल मातृभाषा नहीं, बल्कि सम्पर्क भाषा और राजभाषा भी है, इसलिए इसका प्रयोग करते हुए हमें इसके मानक रूप का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। उर्दू विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो सय्यद अरशद रिज़वी ने अपने सम्बोधन में कहा कि हिन्दी में जितने सरल शब्दों का प्रयोग होगा, यह उतनी ही लोकप्रिय होगी। कार्यक्रम के समन्वयक तथा हिन्दी विभाग-प्रभारी डॉ अरुण कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि हिंदी के संदर्भ में वैश्विक परिदृश्य बदल रहा है। शिक्षा, साहित्य, विज्ञान- प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, तकनीकी, वाणिज्य, व्यापार, कम्प्यूटर, इंटरनेट आदि के क्षेत्र में हिंदी का प्रयोग उत्तरोत्तर बढ़ता जा रहा है। किन्तु इसके मानक स्वरूप को बनाए रखना हमारे लिए एक चुनौती है।
हिंदी कार्यक्रम के संयोजक डॉ राजेश कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि हिन्दी हमारे जीवन के प्रत्येक कार्यक्षेत्र की माध्यम भाषा है, इसलिए हम इसे सशक्त बनाकर ही अपने कार्यक्षेत्र में अपेक्षित सफलता प्राप्त कर सकते हैं। हिन्दी विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ अब्दुल लतीफ़ ने अपने सम्बोधन में कहा कि वर्तमान में हिंदी भाषा का महत्व बढ़ा है, इसिलए विश्व के लगभग पचास देशों में हिंदी भाषा बोली व समझी जाती है औऱ विश्व के अनेक विश्विद्यालयों में हिंदी भाषा का अध्ययन- अध्यापन किया जाता है। डॉ प्रशान्त द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि हिन्दी के प्रसार के लिए हमें अपनी दिनचर्या के तकनीकी क्रियाकलापों में हिन्दी का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए।
इस अवसर पर डॉ जहाँगीर अहमद,डॉ घनश्याम सरोज,डॉ इरम नईम आदि प्राध्यापक तथा महाविद्यालय के छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समन्वयक की भूमिका का निर्वहन हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ अरुण कुमार तथा संयोजन, संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ राजेश कुमार ने किया।