AT रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्य प्रदेश
इस साल मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को विशेष धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे और खरमास का अंत होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार संक्रांति पर महालक्ष्मी योग का निर्माण हो रहा है, जो इस पर्व को और भी खास बना रहा है। महालक्ष्मी योग में सूर्य और चंद्र की युति होती है, जो धन और समृद्धि की देवी महालक्ष्मी से जुड़ी मानी जाती है। इस योग में किया गया दान और पूजा फलदायी होता है। मान्यता है कि इस दिन दान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।मकर संक्रांति भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन सूर्य देव की पूजा और दान करने का सबसे शुभ दिन माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन स्नान करने से व्यक्ति पापों से मुक्त हो जाता है। मकर संक्रांति नई फसल के आगमन का प्रतीक है। इस दिन किसान अपनी नई फसल का आनंद लेते हैं। मकर संक्रांति के साथ ही खरमास का अंत होता है। खरमास को अशुभ माना जाता है और इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य मंत्र का जाप करने से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है। मकर संक्रांति के दिन दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन ऊनी वस्त्र, कंबल, धार्मिक पुस्तकें और अन्न दान करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किया गया दान व्यक्ति को मोक्ष प्रदान करता है। खरमास के खत्म होने के बाद विवाह के शुभ मुहूर्त भी शुरू हो जाएंगे। 16 जनवरी से विवाह के लिए शुभ मुहूर्त मिलना शुरू हो जाएंगे।
महालक्ष्मी योग में होगा सूर्य का मकर राशि में प्रवेश, जानें क्यों है इस बार मकर संक्रांति पर्व विशेष
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