वृंदावन,मथुरा,यूपी। धर्म नगरी वृंदावन में ठाकुर बांकेबिहारी का प्राकट्योत्सव 17 दिसंबर को विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के मध्य धूमधाम से मनाया गया। ठाकुरजी के प्राकट्योत्सव को लेकर उनकी प्राकट्य स्थली निधिवनराज मंदिर में तैयारियां की गई,वहीं अपने आराध्य का जन्मोत्सव मनाने के लिए देश-विदेश का श्रद्धालुओं का 2 दिन पूर्व से आगमन शुरू हो गया था।
बता दें कि संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास महाराज श्रीधाम वृंदावन आने के बाद निधिवनराज मंदिर में ही संगीत साधना एवं प्रभु भक्ति में लीन रहते थे। यहीं उन्होंने अपनी संगीत साधना के माध्यम से मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी को ठाकुर बांकेबिहारी महाराज का प्राकट्य किया था, तभी से इस तिथि को बिहार पंचमी के नाम से भी जाना जाता है,वहीं संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास महाराज भी प्रतिवर्ष अपने लाड़ले बांकेबिहारी का जन्मोत्सव निधिवनराज मंदिर में मनाने के साथ ही उन्हें बधाई देने के लिए ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर भी जाते हैं।
निधिवनराज मंदिर के सेवायत रोहित गोस्वामी (लाले ) ने बताया कि ठाकुरजी के प्राकट्योत्सव पर 17 दिसंबर को प्रातः 5 बजे वेद मंत्रोच्चारण एवं केलिमाल के पद गायन के मध्य ठाकुर बांकेबिहारी की प्राकट्य स्थली का महाभिषेक एवं ठाकुरजी की विशेष आरती की गई, साथ ही प्राकट्य स्थली पर बधाई एवं भजन गायन किया गया। इसके पश्चात निधिवनराज मंदिर से ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर तक बधाई शोभायात्रा निकाली जाएगी। जिसमें स्वामी हरिदास महाराज चांदी के रथ में विराजमान होकर ठाकुरजी को जन्म की बधाई देने जाएंगे। शोभायात्रा में देश के विभिन्न शहरों से आए बैंड एवं नफीरी समेत भजन संकीर्तन मंडलियां शामिल होंगी।