सड़को पर लगी मवेशियों के जमावड़ा, शहरियों के लिए बनी आफत।

Pryagraj,up: शहर के अंदर कितने लोग दुधारू पशुओं का पालन करते हैं, इस का जबाब नगर निगम पशुचिकित्सा एवं कल्याण विभाग के पास नहीं है। विभाग को यह मालूम ही नहीं है कि वह कौन लोग हैं जो शहरी क्षेत्र में इन मवेशियों का पालन करके दूध डेयरी चला रहे हैं। ऐसे लोगों की डिटेल नही होने से विभाग छुट्टा रोड पर घूमने वाले मवेशियों को पकड़ने के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा कर रहे है।

हालात यह है कि पकड़े गए मवेशी किसके है ऐसी स्थिति में सड़क पर छुट्टा मवेशी छोड़ने वाले असल दोषियों पर भी कार्रवाई नहीं हो पा रही हैं। जिसकी वजह से शहर में इन जानवरो का पालन करके हर महीने लाखो व हजारों रुपये कमा रहे लोग कार्रवाई से साफ बच जा रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही होने के कारण रोड पर इन छुट्टा मवेशियों के घूमने की स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है। रोड पर इन पालतू जानवरों के चलते रात तो रात दिन में भी एक्सीडेंट का खतरा बना रहता है।

कार्रवाई के नाम पूरा हो रहा कोरम

नगर निगम विस्तारित एरिया को लेकर इस शहर में कुल सौ वार्ड है। पुराने 80 वार्डो में दुधारू मवेशियों का पालन करके दूध व्यापार करने वालों की संख्या सैकड़ों में है। इनमे से अधिकांश लोग मवेशियों के दूध निकालने के बाद उन्हें चरने के लिए शहर में रोड पर छुट्टा छोड़ देते हैं। रोड पर छोडे गए इन मवेशियों में सिर्फ भैंस गाय ही नहीं उनके बच्चे भी  शामिल होते हैं। इन मवेशियों के रोड पर घूमने के  कारण आने जाने वाले लोगों के साथ हादसे की आशंका बनी रहती हैं। अक्सर बाइक सवार इन मवेशियों के चलते रोड पर एक्सीडेंट का शिकार होते रहते है। ऊपर से सड़क पर जो गंदगी फैलती है वह अलग।

करैली जीटीबी नगर हो या फिर सिविल लाइन गोबर गली, रसूलाबाद घाट के आसपास और म्योरबाद व राजापुर एवं अल्लापुर और सलोरी व छोटा बघाड़ा, दारागंज, कालिंदीपुरम में यह स्थति कभी भी देखी जा सकती हैं। गौर करने वाली बात यह है कि शहर में इन दुधारू मवेशियों का पालन करके दूध कारोबार करने वाले कितने लोग हैं? यह बात नगर निगम पशुचिकित्सा एवं कल्याण विभाग को पता ही नही है। किए गए एक सवाल पर विभाग ने जबाब दिया कि कितने तबेले और कहा चल रहे हैं इसकी महकमें के कोई लिस्ट नही है। रोड पर छुट्टा घूमने वाले मवेशियों जो दिख जाते हैं उन्हें पकड़कर पशु शालाओं में भेज दिया जाता हैं। शहर में कितने पशु पालक है इस बात का रिकार्ड चीफ वेटनरी ऑफिसर के कार्यालय में नही है।