गरीब आवास का पैसा खा गए दलाल, न्याय के लिए अधिकारियों के चौखट पर गुहार लगा रही है पीड़िता।

मामला नगर पालिका परिषद मंझनपुर के वार्ड नंबर 21 का, डोडा के कर्मचारी के साथ वार्ड के दबंग पर लग रहा है आरोप।

मंझनपुर/कौशाम्बी, यूपी। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां लगातार देश के गरीबों को उनके रहने के लिए बेहतर से बेहतर की व्यवस्था कर रहे हैं वहीं जिले में तैनात अधिकारियों और दलालों की मिलीभगत ने इस पूरे योजना पर पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। बुधवार को ऐसा ही मामला नगर पालिका परिषद के सावित्रीबाई फुले नगर में सामने आया जहां डूडा के कर्मचारी ने एक स्थानीय दबंग से मिलीभगत कर गांव के लोगों से एक आवास पर 50 हज़ार मांगे। यही नहीं एडवांस के तौर पर पहली किस्त से इस दबंग ने ₹15000 ले भी लिए।

जब पीड़ितों ने अगली किस्त में और पैसा देने से इनकार किया तो दबंगों ने जान से मारने की धमकी दी साथ में यह भी कहा कि किसी की औकात नहीं जो तुम्हें भविष्य में आवास का पैसा दिला दे क्योंकि जिले के अधिकारी हमारे जेब में रहते हैं।

मामले में पीड़िता सायमा, जीनत तथा नसरीन ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाते हुए बताया कि शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मिला था। जिसमें मई महीने में ₹50 हजार रूपए की पहली किस्त आई थी। तभी वार्ड के ही हाजीपुर पतौना गांव के रहने वाले अनिल कुमार पुत्र रामचंद्र एक मोबाइल वाले को लेकर आए और कहा कि अंगूठा लगा दो चेक करना है कि तुम्हारी आवास पास हुआ कि नहीं। थोड़ी देर बाद उन्होंने बताया कि तुम्हारा आवास का पैसा आ गया है जाकर बैंक से निकाल लो। वही पीड़िता में बताया कि जब हम लोग बैंक पहुंचे तो पता चला कि उसमें से ₹10000 फर्जी तरीके से निकाल लिया गया है। इसके पहले भी उन्होंने पांच ₹5000 सभी लोगों से आवास दिलाने के नाम पर पहले ही ले लिया था। और 8 जुलाई को यह अपने चार-पांच साथियों के साथ आए और कहने लगे कि ढाई लाख आवास का मिलना है इसमें पैसे में से 50000 हमें दो, पीड़िता ने बताया कि जब हम ने मना किया कि यह देश की सरकार द्वारा हमको दिया जा रहा है गरीब के आवास के लिए हम इतना पैसा नहीं दे पाएंगे। तब यह गाली गलौज पर उतारू हो गया और वहां पर मौजूद एक व्यक्ति को संबोधित करते हुए कहा कि यह अजीत मौर्य हैं जो डूडा विभाग के अधिकारी हैं अब तुम्हारा पैसा नहीं आएगा। मेरी पहुंच ऊपर तक है अब देखता हूं तुम्हें आवास कैसे मिलेगा। यह मेरी रंगदारी है जिसको जिसको आवास मिले है वह मुझे 50-50 हज़ार देगा नहीं तो आवास नहीं मिलने दूंगा और गांव में रहने भी नहीं दूंगा। तुम मेरी ताकत से अभी परिचित नहीं हो। मेरा पूरा परिवार डरा सहमा है कि कहीं हमारे परिवार के साथ कोई अनहोनी ना हो जाए। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने कोतवाली मंझनपुर को मुकदमा लिख कार्रवाई करने का आदेश जारी कर दिया है।