पुस्तक मेले में मिल रहा 70 प्रतिशत तक डिस्काउंट प्रकाशकों में बेस्ट सेलर की होड़।

प्रयागराज,यूपी। पुस्तक प्रेमियों के लिये बड़ी खबर है। अब उनके मनपंसद की तमाम किताबों पर पुस्तक मेले में 70 प्रतिशत की छूट प्रकाशकों द्वारा दी जा रही है। जिसका लाभ लेने के लिये दूसरे दिन ही पुस्तक प्रेमी भारी संख्या में पहुॅचे।
“ज्ञान कुंभ“ थीम पर आधारित एंग्लों बंगाली इंटर कालेज परिसर में चल रहे तृतीय प्रयागराज पुस्तक मेले में विभिन्न राज्यों से आये प्रकाशकों द्वारा पुस्तक प्रेमियों के लिये 10 प्रतिशत से लेकर 70 प्रतिशत की छूट आॅफर की गयी है। इसमें बच्चे, युवा, प्रतियोगी छात्र, बुजुर्ग एवं महिलाओं से सम्बन्धित तमाम पुस्तकें हैं। सबसे बड़ा आॅफर प्रयागराज के साहित्य भंडार प्रकाशन द्वारा दिया जा रहा है। इनके स्टाल पर लगभग 250 साहित्यकारों, लेखकों, कवियों, वैज्ञानिकों की ढाई सौ ऐसी पुस्तकें हैं, जो मात्र 50 रूपये में ही उपलब्ध है। स्टाल के प्रतिनिधि ज्ञान प्रकाश ने बताया इसमें नासिरा शर्मा की दूसरी जन्नत, डॉ प्रेम भारती कि साधना से सिद्वि, मैत्रीयी पुष्पा कि आरछित और अन्य कहानियाँ, राम चन्द्र शुक्ल की नई दृष्टि, शेखर जोशी की एक पेड़ कि याद जैसी किताबें मात्र 50 रूपये में उपलब्ध है।


अमर चित्र कथा के बुक स्टाल पर 50 प्रतिशत डिक्शनरी और 20 प्रतिशत काॅमिक्स की पुस्तकों पर छूट दी जा रही है। वहीं प्रयागराज के राजकमल प्रकाशन बुक स्टाल पर सजी सभी किताबों में 20 प्रतिशत की छूट उपलब्ध है। पुस्तक मेले में पहली बार आये मुम्बई के जय बुक स्टाल के जय बताते हैं कि उनके यहां सभी किताबों पर 30 से लेक 70 प्रतिशत तक कि छूट दी जा रही है।


अंग्रेजी उपन्यास के प्रेमी पाठकों के लिये पदम बुक कम्पनी दिल्ली द्वारा विख्यात नावेल के स्टाल पर बड़ी संख्या में चर्चित उपन्यास उपलब्ध हैं। बुक स्टाल के प्रदीप ने बताया कि इनमें एक उपन्यास की कीमत 150 है, लेकिन पांच किताबें लेने पर 500 ही देना पड़ेगा। कुछ इसी तर्ज पर रायपुर के प्रकाशक एंगल बुक हाउस के स्टाल पर भी अंग्रेजी उपन्यास बड़ी छूट के साथ उपलब्ध हैं। स्टाल देख रहे प्रकाश ने बताया कि आपस में सहयोग कर पाॅच प्रतियाॅ खरीदी जाएं तो एक पुस्तक की कीमत 100 रूपये हैं। इस स्टाल पर हिंदी, ओलम्पियाड, मैपल क्लासिक की पुस्तकों में 20 प्रतिशत की छूट है। दो दर्जन से अधिक स्टालों पर बच्चों से जुड़ी सैकड़ों किताबें उपलब्ध हैं। उनमें तमाम पुस्तकें के दाम तो बीस रूपये ही हैं।


यद्वपि आज मेले का दूसरा दिन है, लेकिन बड़ी संख्या में पुस्तक प्रेमी दोपहर से ही मेले में पहुॅचना शुरू हो गये थे। इनमें बड़ी संख्या में काॅलेज की छात्र और छात्राएं थी। जो विभिन्न स्टालों पर अपने रूचि कि किताबें खोज रहे थे। जबकि शाम-शाम होते महिलाएं भी मेले में पहुॅचकर स्टालों पर किताबें तलाश रहीं थी। मेले में आयीं कल्याणी देवी की निर्मला पाण्डेय ने कहा कि वह पिछले साल भी आईं थी और धर्म से जुड़ी कुछ किताबें लेकर गयीं थी। इस बार भी वह कुछ उसी तरह की किताबें ढूंढ रहीं हैं। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहीं शिल्पी सिंह ने कहा कि वह लीक से हटकर किताबें खोजती हैं। वहीं दूसरी ओर कई प्रकाशकों के प्रतिनिधियों ने बताया कि प्रयागराज के लोगों में पुस्तके पढ़ने का क्रेज है। हर तरह की पुस्तकें पुस्तक के प्रेमी खोज रहे हैं।
मेले के आयोजक मनोज सिंह चन्देल ने बताया कि मेले में आने वाले सारे प्रकाशकों की सुख-सुविधा का सारा ध्यान रखा जा रहा है। कोशिश की जा रही है उन्हें किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो। साथ ही पुस्तक प्रेमियों का भी ध्यान रखा जा रहा है।


पुस्तक मेले के सह-संयोजक मनीष गर्ग ने बताया कि मेले का यह तीसरा वर्ष है। जिसे इस बार फोर्सवन बुक्स, अग्रवाल सर्व शिक्षा शिक्षा ट्रस्ट और प्रयागराज के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष पुस्तक मेला में नेशनल बुक ट्रस्ट, प्रकाशन विभाग भारत सरकार, लोक भारती प्रकाशन, राजकमल, राजपाल एंड सन्स, मंजुल प्रकाशन, हिन्द युग्म, साहित्य भंडार, सामयिक प्रकाशन, सम्यक् प्रकाशन, सस्ता साहित्य मंडल, गीता प्रेस गोरखपुर, बुकवाला प्रयागराज, दिव्यांश, अमर चित्र कथा, ओसवाल बुक्स, भारतीय कला प्रकाशन सहित मुंबई, दिल्ली, पटना, राँची लखनऊ, रायपुर, नोएडा के प्रमुख वितरक व संस्थाओं के बुक स्टाल लगे हुये हैं। प्रयागराज पुस्तक मेले में प्रवेश मुफ्त है। पुस्तक प्रेमियों के लिए सुबह 11 बजे से लेकर रात्रि 9 बजे चल रहा है। जो कि 31 दिसम्बर खुला रहेगा। इसके साथ ही मेले में पहुॅचने वालों के लिये फूड स्टाल भी लगाया गया है। जहां पर दर्शक स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद भी उठा रहे हैं।


पुस्तक मेले में रक्त संकल्प ब्लड डोनेशन प्लेज की ओर से पुस्तक प्रेमियों से यह अपील करती दिखाई पड़ती है कि लोगों को जीवन देने के लिये रक्तदान करें। इस स्टाल पर रक्तदान के प्रति लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।